आज से छह महीने पहले का वो समय याद कीजिए जब आप किसी भी रेस्टोरेंट में खाने खाने पहुंच जाते थे। वहां खाने से पहले एक बार भी आपके मन में यह ख्याल नहीं आता था कि इस खाने से आपको कोई इंफेक्शन हो सकता है या आप बीमार हो सकते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। कोविड -19 के दुष्प्रभाव ने बाहर तो क्या घर के खाने को भी फूंक फूंक कर खाने की आदत डाल दी है। वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे पर बात करें खाने के बदले अंदाज और रेस्टोरेंट में बदले हुए हाइजीनिक माहौल की।साथ ही जानिए इस संबंधी में क्या कहती हैं नानावटी हॉस्पिटल, मुंबई की चीफ डाइटीशियन डॉ. उषा किरण सिसोदिया।
कॉलेज स्टूडेंट इशान अपने दो दोस्तों के साथ एक फ्लैट में रहते हैं। लगभग तीन महीने पहले तक वीकेंड पर वे बाहर ही खाना पसंद करते थे। लेकिन लॉकडाउन के दौरान वे घर का खाना पसंद कर रहे हैं। इसकी वजह बताते हुए इशान कहते हैं घर का खाना हाइजीनिक तो है ही, साथ ही इस समय कॉलेज न खुलने की वजह से सभी घर पर है। हम इंटरनेट से नई-नई रेसिपी देखकर ट्राय करते हैं और फिर दोस्तों के साथ खाने के फोटो शेयर करते हैं। इस तरह बोर होने से बच जाते हैं और अच्छा खाना भी मिल जाता है।
आशु खाने की शौकीन हैं। लॉकडाउन से पहले वे अक्सर ही दोस्तों के साथ पार्टी करती नजर आती थीं। नतीजा यह हुआ है कि उनका वजन तेजी से बढ़ा।अपने बढ़ते वजन से परेशान आशु ने लॉकडाउन में स्ट्रीक्ट वर्कआउट रुटीन फॉलो करके वेट लॉसकिया।अब वे घर में ही लो फैट फूड खाना पसंद करती हैं। उन्हें डर है की बाहर के खाने से कहीं उनका वजन फिर से न बढ़ जाए।
डबल सील किए जा रहे फूड पैकेट
पहले जो लोग हफ्ते में एक बार घर से बाहर जाकर खाना खाते थे, वही अब महीने में एक बार भी बाहर खाने के बारे में कई बार सोचने पर मजबूर हैं। घर से दूर रहने वाले विजय शर्मा पहले रोज रेस्टोरेंट जाकर खाना खाते थे, वहीं अब वे होम डिलिवरी से घर में खाना मंगवाते हैं। वे कहते हैं कि बाहर खाना मेरी मजबूरी है। इन दिनों रेस्टोरेंट में चाहे हाइजीन का कितना ही ध्यान रखा जा रहा हो लेकिन फिर भी घर से बाहर खाने में डर तो लगता ही है। हालांकि लोगों के इस डर को रेस्टोरेंट ओनर बेवजह ही मानते हैं। इस बारे में सागर गैरे के ओनर सागर कहते हैं कि हर ब्रांडेड फूड प्लेस पर हाइजीन का पूर ध्यान रखा जा रहा है। हां लोगों के लिए जरूरी यह है कि वह स्ट्रीट फूड से बचें और ब्रांडेड स्थानों को ही खाने के लिए चुनें। वे अपने रेस्टोरेंट के बारे में बताते हैं कि इन दिनों हमारे यहां काम करने वाले शेफ से लेकर वेटर्स का रोज टेम्परेचर चेक किया जा रहा है। उनके कहीं ओर काम करने पर भी प्रतिबंध है। पैकेज्ड फूडकी डबल सीलिंग की जा रही है ताकि फूड सेफ्टी बनी रहे।
अधिक खाद्य सामग्री खरीदने से बचें
नानावटी हॉस्पिटल, मुंबई की चीफ डाइटीशियन डॉ. उषा किरण सिसोदिया कहती हैं कि अगर आप बाहर से खाना मंगवा रहे हैं तो जिस प्लास्टिक कंटेनर में खाना पैक करके आया है उसे सैनेटाइज्ड वाइप से पोछ लें। सब्जी और फलों को खाने से पहले जरूर धो लें। रेफ्रिजरेटेड फूड खाने से बचें। अगर आपने खाना बनाकर फ्रिज में रख दिया है तो उसे गर्म किए बिना बिल्कुल न खाएं। सभी पैकेट फूड अवॉयड करें। जहां तक संभव हो घर में बना ताजा खाना ही खाएं। इसके अलावा मार्केट से अधिक मात्रा में खाद्य सामग्री खरीदने से बचें। एक दिन में उतनेही फल और सब्जी खरीदें, जितनेआप इस्तेमाल कर सकें। साथ ही सब्जियों को पकाने से पहले गर्म पानी में डालकर धोना जरूरी है। अच्छा होगा कि बिना मौसम की फल और सब्जियां खरीदना अवॉयड करें।
इन फूड इन फूडट्रेंड्स को मिला बढ़ावा
तमाम अर्थशास्त्रियों और समाज विज्ञानियों का अंदाजा है कि यह दौर आने वाले समय में हमारे जीने, काम करने और यहां तक कि खाने के तरीके में भी बदलाव लाएगा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश-विदेश में ऐसे कई रेस्टोरेंट की शुरुआत हो रही है जहां एक टेबल पर दो से अधिक लोगों के बैठने की मनाही है। लॉकडाउन के बाद सेवेगान और हेल्दी फूड डिलिवरी ब्रांड्स को बढ़ावा मिल रहा है। स्ट्रीट फूड के प्रति लोगों के भय को देखते हुए कई स्ट्रीट फूड भी ब्रांड्स की शुरुआत कर रहे हैं। अब लोग सस्ते नहीं अच्छे खाने की तलाश करते देख जा रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eVDVxu
No comments:
Post a Comment